hamburgerIcon

Orders

login

Profile

Profile
Skin Care
Skin Brightening
Anti Ageing
Skin Hydration
Acne and Blemishes
Dry and Dull Skin
Dark Circles
Skin Care Super Saver Combos
Hair Care
Hairfall
Dry and Damaged Hair
Hair Growth
Super Saver Combos
Preg & Moms
Boost Breast Milk Supply
Breast Pump
Fertility
Stretch Marks Care
Maternity Wear
Maternity Gear
Baby Care
Diapers & WipesBaby DiapersCloth DiapersBaby WipesSuper Saver Combos
Baby WellnessDiaper Rash Mosquito Repellent Anti-ColicSuper Saver Combo
Baby CareSkinHairBath & BodySuper Saver Combos
Feeding & LactationFeeding BottleSipperBreast PumpTeethers & NibblersGrooved NippleNursing PadsSuper Saver Combos
Baby ClothingLaundry DetergentBaby TowelCap, Mittens & BootiesSocksWrappersWinter Clothing
Baby GearCarriersStrollersDiaper BagBathtubs and Potty Seat Carry NestDry SheetBaby Pillow
Diapers
Baby Diapers
Cloth Diapers
Baby Wipes
Super Saver Combos
More
Bath & BodyBody MoistureBrighteningTan Removal
FertilityFertility For HerFertility For HimPCOSPregnancy Test KitOvulation Test Kit Super Saver Combos
HygieneUTI and Infection
WeightWeight ManagementDigestive HealthSuper Saver Combos
Daily WellnessDigestive Health
This changing weather, protect your family with big discounts! Use code: FIRST10This changing weather, protect your family with big discounts! Use code: FIRST10
ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART
  • Home arrow
  • Fibroids arrow
  • Myomectomy Meaning in Hindi | मायोमेक्टोमी क्या है और कब पड़ती है इसकी ज़रूरत? arrow

In this Article

    Myomectomy Meaning in Hindi | मायोमेक्टोमी क्या है और कब पड़ती है इसकी ज़रूरत?

    Fibroids

    Myomectomy Meaning in Hindi | मायोमेक्टोमी क्या है और कब पड़ती है इसकी ज़रूरत?

    29 September 2023 को अपडेट किया गया

    Medically Reviewed by

    Dr. Shruti Tanwar

    C-section & gynae problems - MBBS| MS (OBS & Gynae)

    View Profile

    गर्भाशय से छेड़छाड़ किए बिना फाइब्रॉएड को हटाने के लिए की जाने वाली सर्जरी को (myomectomy meaning in Hindi) मायोमेक्टॉमी कहते हैं. आइये जानते हैं मायोमेक्टॉमी क्यों की जाती है, इसके कितने प्रकार हैं. साथ ही, इस सर्जरी के लिए की जाने वाली तैयारी, प्रोसेस, रिकवरी में लगने वाला समय और इससे जुड़े कॉम्प्लिकेशन के बारे में.

    मायोमेक्टोमी क्या होता है? (Myomectomy in Hindi)

    गर्भाशय को बचाते हुए फाइब्रॉएड्स को हटाने के ऑपरेशन को मायोमेक्टोमी (myomectomy in Hindi) कहते हैं. ऐसी महिलाएँ जिन्हें फाइब्रॉएड्स हैं और वो भविष्य में प्रेग्नेंट होना चाहती हैं, उनके लिए मायोमेक्टॉमी एक बहुत अच्छा ऑप्शन है जिसे सामान्य भाषा में बच्चेदानी में गाँठ का ऑपरेशन भी कहते हैं. इसके ज़रिये यूटरस से फाइब्रॉएड को आसानी से हटाया जा सकता है.

    मायोमेक्टोमी सर्जरी क्यों की जाती है? (What is the purpose of myomectomy surgery in Hindi)

    मायोमेक्टॉमी के द्वारा यूटरस से फाइब्रॉएड को निकाल दिया जाता है ताकि भविष्य में प्रेग्नेंसी हो सके. इसके कुछ आम कारण इस प्रकार हैं.

    1. गर्भाशय फाइब्रॉएड को निकालने के लिए (Remove uterine fibroids)

    जहाँ हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy) में गर्भाशय की समस्या के निदान के लिए पूरे गर्भाशय को ही निकाल दिया जाता है. वहीं, मायोमेक्टोमी में सिर्फ़ फाइब्रॉएड को हटाया जाता है जिससे गर्भाशय पर कोई असर नहीं होता.

    2. फाइब्रॉएड के लक्षणों को कम करने के लिए (Alleviate symptoms)

    जब गर्भाशय के अंदर और बाहर फाइब्रॉएड बढ़ जाते हैं तो महिला को इरेगुलर पीरियड्स, इंफर्टिलिटी और मिसकैरेज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मायोमेक्टोमी से इन समस्याओं का निदान हो जाता है.

    3. फर्टिलिटी क्षमता में सुधार करने के लिए (Improve fertility)

    मायोमेक्टॉमी सर्जरी के बाद महिलाओं में प्रेग्नेंट होने की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है. रिसर्च से पता चलता है कि मायोमेक्टोमी के बाद यह 25 से 77 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.

    इसे भी पढ़ें : एएमएच का क्या होता है महिलाओं की फर्टिलिटी से कनेक्शन? जानें इस आर्टिकल में!

    4. गर्भाशय को सुरक्षित रखने के लिए (Preserve the uterus)

    कॉम्प्लेक्स स्थितियों में मायोमेक्टॉमी सर्जरी से यूटरस के अंदर और बाहर बढ़ गए फाइब्रॉएड को निकाल दिया जाता है जिससे यूटरस को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है और महिला की फिर से प्रेग्नेंट होने की संभावना बनी रहती है.

    आर्टिकल में आगे बात करेंगे कि मायोमेक्टॉमी कितने तरह से की जाती है.

    मायोमेक्टोमी सर्जरी के प्रकार (Types of myomectomy surgery in Hindi)

    मायोमेक्टोमी सर्जरी (myomectomy in Hindi) के कई प्रकार हैं; जैसे कि-

    1. पेट की मायोमेक्टोमी (Abdominal myomectomy)

    पेट की मायोमेक्टोमी, हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy) की तरह ही की जाती है. फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि इसमें केवल फाइब्रॉएड को हटाया जाता है. पेट की मायोमेक्टोमी को लैपरोटॉमी (Laparotomy) भी कहा जाता है. सर्जन रोगी के पेट के निचले हिस्से में एक बड़ा कट लगाकर वहाँ से फाइब्रॉएड टिश्यू को हटा देते हैं.

    2. लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी (Laparoscopic myomectomy)

    लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी में पेट पर कई छोटे चीरे लगाये जाते हैं. इन चीरों के द्वारा कैमरे और लंबे टूल का उपयोग करके फाइब्रॉएड टिश्यू को हटा दिया जाता है.

    3. हिस्टेरोस्कोपिक मायोमेक्टोमी (Hysteroscopic myomectomy)

    हिस्टेरोस्कोपिक मायोमेक्टोमी में वेजाइना के रास्ते से कुछ इन्स्ट्रूमेंट्स और एक लंबा और लचीला कैमरा यूटरस तक पहुँचाया जाता है. उस कैमरे की मदद से अंदर की स्थिति को देखकर सर्जन कई तरीक़ों से फाइब्रॉएड टिश्यू को हटाता है. कभी-कभी हिस्टेरोस्कोपिक मायोमेक्टोमी को दो बार में भी किया जाता है.

    4. रोबोटिक-असिस्टेड मायोमेक्टोमी (Robotic-assisted myomectomy)

    रोबोटिक मायोमेक्टॉमी सर्जरी लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की तरह ही होती है. इन दोनों टेक्निक के बीच अंतर केवल सेफ़्टी और ख़र्च का है. रोबोट-असिस्टेड सर्जरी में अधिक पैसा खर्च होता है, लेकिन कॉम्प्लिकेशन का रिस्क कम होता है.

    मायोमेक्टोमी सर्जरी की तैयारी कैसे होती है? (Preparing for a myomectomy in Hindi)

    मायोमेक्टोमी सर्जरी के लिए डॉक्टर आमतौर पर इन स्टेप्स को फॉलो करते हैं.

    1. परामर्श (Consultation)

    फाइब्रॉएड टिशूज़ का पता चलने पर सबसे पहले डॉक्टर आपको इस बारे में पर्सनल जानकारी देते हैं और साथ ही आपकी मेडिकल कंडीशन का जायज़ा भी लेते हैं. इसके लिए कुछ जाँच और टेस्ट भी करवाए जाते हैं और रिपोर्ट्स के आधार पर आगे का ट्रीटमेंट प्लान तैयार किया जाता है.

    2. प्री- ऑपरेटिव निर्देश (Pre-operative instructions)

    सर्जरी करवाने से पहले डॉक्टर की सभी सलाह का पालन करें; जैसे कि सर्जरी से पहले स्नान कर लें लेकिन किसी भी तरह का लोशन, परफ़्यूम, डिओडोरेंट या नेल पॉलिश आदि न लगाएँ. सर्जरी से आठ हफ़्ते पहले ही सिगरेट पीना छोड़ देना चाहिए.

    3. प्री-सर्जिकल टेस्ट (Pre-surgical tests)

    सर्जरी करने से पहले नियमित रूप से कुछ प्रीऑपरेटिव टेस्ट किये जाते हैं; जैसे कि-

    • फिज़िकल एग्ज़ामिनेशन और प्रेग्नेंसी टेस्ट

    • हृदय की जाँच के लिए ब्लड प्रेशर और ईसीजी टेस्ट

    • हीमोग्लोबिन लेवल, ब्लड ग्रुप, लिवर और किडनी की जाँच के लिए ब्लड टेस्ट

    • यूरिन टेस्ट

    • चेस्ट का एक्सरे

    • यूटरस के फाइब्रॉएड के साइज और पोजीशन जानने के लिए अल्ट्रासाउंड और MRI जैसे इमेजिंग टेस्ट

    4. मेडिकल एडजस्टमेंट (Medication adjustments)

    सर्जरी से पहले डॉक्टर द्वारा बतायी गई दवाएँ नियमित रूप से लें. मायोमेक्टोमी से पहले आपको अपनी रेगुलर दवाओं को बंद करना पड़ सकता है, इसीलिए डॉक्टर को अपनी हर एक दवा के बारे में पूरी जानकारी दें.

    5. सर्जरी के दिन की व्यवस्था (Arrangements for the surgery day)

    सर्जरी से एक दिन पहले पेशेंट को हॉस्पिटल में एडमिट किया जाता है. डॉक्टर की सलाह के अनुसार भोजन या लिक्विड डाइट लें. सर्जरी से एक या दो घंटे पहले पेशेंट को ऑपरेटिंग रूम में ले जाया जाता है और फिर सर्जन के निर्देश पर जनरल या स्पाइनल एनेस्थेसिया देते हैं.

    6. इमोशनल सपोर्ट (Emotional support)

    मायोमेक्टोमी के बाद रिकवरी फिजिकल और इमोशनल दोनों स्तर पर चुनौतीपूर्ण होती है और ऐसे में फैमिली और दोस्तों का पूरा सपोर्ट होना बहुत ज़रूरी है. अपनी हेल्प के लिए आप किसी प्रोफेशनल काउंसलर की मदद भी ले सकते हैं.

    मायोमेक्टोमी सर्जरी की प्रोसेस (Myomectomy surgical procedure in Hindi)

    किस तरह की मायोमेक्टोमी सर्जरी होनी है इस आधार पर इसकी प्रोसेस अलग-अलग होती है.

    1. एनेस्थीसिया (Anesthesia)

    ऑपरेटिंग रूम में सर्जन की सलाह पर एनेस्थेटिस्ट आपको जनरल या स्पाइनल एनेस्थीसिया देते हैं. जनरल एनेस्थीसिया में रोगी सो जाता है और ऑपरेशन के दौरान उसे कुछ पता नहीं चलता. स्पाइनल एनेस्थेसिया में शरीर का निचला आधा हिस्सा सुन्न हो जाता है जिससे रोगी को दर्द महसूस नहीं होता.

    2. चीरा (Incision)

    मायोमेक्टोमी सर्जरी कराते समय चीरा किस तरह लगेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस तरह की सर्जरी हो रही है; जैसे- पेट की मायोमेक्टोमी में पेट के निचले हिस्से में एक बड़ा कट लगाया जाता है जबकि लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी में पेट पर कई छोटे-छोटे कट लगाये जाते हैं.

    3. फाइब्रॉएड को हटाना (Fibroid removal)

    पेट की मायोमेक्टोमी में पेट के निचले हिस्से में चीरा लगाकर यूटरस की दीवार से फाइब्रॉएड टिश्यू को हटा दिया जाता है जबकि लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी में पेट पर लगे कई छोटे चीरों में से कैमरा और दूसरे उपकरण डालकर फाइब्रॉएड हटाए जाते हैं. हिस्टेरोस्कोपिक मायोमेक्टोमी में वेजाइना के रास्ते कुछ इन्स्ट्रूमेंट्स और एक लंबा और लचीला कैमरा यूटरस तक पहुँचाया जाता है और इससे फाइब्रॉएड हटाए जाते हैं.

    4. गर्भाशय रिपेयर (Uterine repair)

    गर्भाशय की लाइनिंग टिश्यूज़ की कई लेयर्स से बनी होती है. फाइब्रॉएड टिश्यूज़ हटाते समय इस बात का डर रहता है कि कहीं इस पर हल्की रगड़ न लग जाए. हालाँकि, सर्जरी के बाद दवाओं से अंदरूनी हीलिंग हो जाती है लेकिन अगर रोगी को तेज दर्द और असुविधा हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.

    5. समापन (Closure)

    मायोमेक्टोमी सर्जरी में अगर कट लगाए गए हैं तो टाँकों से उन्हें बंद कर बैंडेज कर दी जाती है. पेशेंट के होश में आने के बाद जाँच कर के रिकवरी रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है.

    6. रिकवरी (Recovery)

    सर्जरी के बाद रोगी को कुछ दर्द महसूस होता है, जिसके लिए डॉक्टर दवाएँ देते हैं. पूरी रिकवरी में कुछ दिनों से लेकर हफ़्तों तक का समय लगता है.

    इसे भी पढ़ें : गर्भधारण की मुश्किलें बढ़ा सकता है एंडोमेट्रियल पॉलीप्स!

    मायोमेक्टोमी सर्जरी के बाद रिकवरी (Recovery After Myomectomy Surgery in Hindi)

    मायोमेक्टोमी सर्जरी ((myomectomy in Hindi) के रोगी की फुल रिकवरी में कुछ समय लगता है. इस दौरान डॉक्टर द्वारा बताई गयी सावधानियों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए.

    1. अस्पताल में रहना (Hospital stay)

    पेट की मायोमेक्टॉमी होने पर एक से दो दिनों तक अस्पताल में रहने की ज़रूरत होती है जबकि लैप्रोस्कोपिक या रोबोटिक मायोमेक्टॉमी और हिस्टेरोस्कोपिक मायोमेक्टोमी वाले रोगियों को रात भर ऑब्ज़र्व करके सुबह घर भेज दिया जाता है.

    2. पेन मैनेजमेंट (Pain management)

    हर सर्जरी के बाद थोड़ा दर्द होना नेचुरल है, इसीलिए डॉक्टर की सलाह से दवा लें. दर्द पर नियंत्रण मिलने से आप चलने और गहरी साँस लेने जैसे व्यायाम को अच्छी तरह कर पाएँगे और आपको तेजी से ठीक होने में मदद मिलेगी.

    3. फिजिकल एक्टिविटी (Physical activity)

    पेन मैनेजमेंट के बाद हल्की सैर या स्विमिंग अच्छी एक्सरसाइज है. लेकिन यह सब करने के लिए कम से कम छह हफ़्ते रुकना चाहिए. ऑपरेशन के बाद चार हफ़्ते तक कोई भी भारी सामान न उठाएँ.

    4. घाव की देखभाल (Wound care)

    अगर डॉक्टर ने घाव के कट पर टेप या पट्टियां लगायी हैं तो उन्हें तब तक लगा रहने दें जब तक वह अपने आप न निकलने लगें. उसके आसपास रोज़ाना साबुन और गर्म पानी से धोयें और थपथपाकर सुखायें. उस जगह को साफ़ और सूखा रखें.

    5. फॉलो-अप निर्देश (Follow-up appointments)

    मायोमेक्टॉमी के दो से छह सप्ताह बाद आप अपनी रिकवरी और फाइब्रॉएड की रीग्रोथ की जाँच के लिए डॉक्टर से मिलें. नए फाइब्रॉएड को चेक करने के लिए मायोमेक्टॉमी के तीन महीने, छह महीने और एक साल बाद आपका पेल्विक एग्ज़ाम या अल्ट्रासाउंड भी किया जा सकता है.

    6. फर्टिलिटी और प्रेग्नेंसी (Resuming fertility and pregnancy)

    ज़्यादातर मामलों में मायोमेक्टोमी के बाद प्रेग्नेंसी होना संभव है, लेकिन यह महिला की उम्र, फाइब्रॉएड की संख्या, साइज़, जगह और अन्य कारणों पर भी निर्भर करता है.

    मायोमेक्टोमी सर्जरी के रिस्क और कॉम्प्लिकेशन (Risks and complications of myomectomy surgery in Hindi)

    किसी भी दूसरी सर्जरी की तुलना में मायोमेक्टोमी में रिस्क फैक्टर कम होता है लेकिन इसमें भी कई कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं; जैसे कि- हैवी ब्लीडिंग, स्कार टिश्यू का बनना, फैलोपियन ट्यूब और ओवरीज़ से जुड़ी पेल्विक सूजन की बीमारी, घाव में इन्फेक्शन, प्रेग्नेंसी के दौरान यूटरस में छेद होना आदि. अगर इस सर्जरी के बाद हैवी ब्लीडिंग, बुखार, तेज दर्द और साँस लेने में तकलीफ़ जैसी कोई भी परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.

    प्रो टिप (Pro Tip)

    यूटरस में फाइब्रॉएड का होना एक कॉम्प्लेक्स कंडीशन है ख़ासतौर पर कम उम्र की महिलाओं में इससे इंफर्टिलिटी तक हो सकती है. डॉक्टर की सलाह से इसका निदान तुरंत करवाना चाहिए. इसके लिए मायोमेक्टोमी की जरूरत पड़ने पर घबराएँ नहीं और किसी अनुभवी सर्जन की गाइडेंस में ही इसे करवाएँ.

    रेफरेंस

    1. Rakotomahenina, H., Rajaonarison, J., Wong, L., & Brun, J.-L. (2017). Myomectomy: technique and current indications. Minerva Obstetrics and Gynecology

    1. Stoica, R., Bistriceanu, I., Sima, R., & Iordache, N. (2014). Laparoscopic myomectomy. Journal of Medicine and Life

    Tags

    Myomectomy in English

    Is this helpful?

    thumbs_upYes

    thumb_downNo

    Medically Reviewed by

    Dr. Shruti Tanwar

    C-section & gynae problems - MBBS| MS (OBS & Gynae)

    View Profile

    Written by

    Kavita Uprety

    Get baby's diet chart, and growth tips

    Download Mylo today!
    Download Mylo App

    Related Questions

    • Hello friends... Dr ne mujhe bola he 12 april se 15 april tak delivery ho jani chahiye baki bache ko prblm ho sakti he... Par bache ne head niche fix hi nai kra to bachedani ka muh kese khule.. apme koi he jiski sath ye prblm hui ho...!!

      arrow
    • Hello mom's mera 6 month chsl rha h kl maine thoda wajan utha liya tha tkriban 10 kg k lgbhg to ky mere bachche ko koi problem to nhi n hogi

      arrow
    • Hello moms meri delivery ko 4 month ho gye h mujhe feb me halki bleeding hui thi march me nahi hui fir april me start ho gaye kya ye normal h plzzz reply me

      arrow
    • Hello sisters please meri ultrasound report dekhkar bataiye ki sab Kuch hai .... our meri pregnancy ko kitne din ho gay me bahut confused Hu ....mere hisaab se 7th month abhi start hua hai doctor ne Bola hai ki 7 month complete hone wala hai ..... please help me

      arrow
    • Hlw mom's Mera baby rat bilkul bhi nahi sota aur din m sota h kyaa kru bhot rota h

      arrow

    RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

    our most recent articles

    foot top wavefoot down wave

    AWARDS AND RECOGNITION

    Awards

    Mylo wins Forbes D2C Disruptor award

    Awards

    Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022

    AS SEEN IN

    Mylo Logo

    Start Exploring

    wavewave
    About Us
    Mylo_logo
    At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
    • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
    • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
    • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.