Hormones
8 December 2023 को अपडेट किया गया
Medically Reviewed by
Dr. Shruti Tanwar
C-section & gynae problems - MBBS| MS (OBS & Gynae)
View Profile
बल्की यूटरस यानी कि गर्भाशय में सूजन होना और इसके साइज़ का असामान्य रूप से बढ़ जाना जिसे (bulky uterus in hindi) बच्चेदानी में सूजन आना भी कहते हैं. ऐसा होने पर कई अन्य रोग और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें होने लगती हैं. बल्की यूटरस के कई कारण होते हैं जिसमें मुख्य हैं खराब लाइफस्टाइल, ग़लत खानपान और व्यायाम न करना. शराब और सिगरेट का अधिक सेवन भी इसका का एक और बड़ा कारण है. आइये जानते हैं बच्चेदानी में सूजन क्या है और बल्कि यूटरस के क्या (bulky uterus meaning in hindi) लक्षण होते हैं.
बल्की यूटरस (bulky ovaries meaning in hindi) के कुछ आम लक्षण इस प्रकार हैं,
अब जानते हैं बल्की यूटरस के कारणों के बारे में.
यह स्थिति तब बनती है जब एंडोमेट्रियम यानी कि गर्भाशय की अंदरूनी सतह के टिशू उसकी दीवाल के अंदर बढ़ने लगते हैं. इस कारण गर्भाशय मोटा हो जाता है.
इसे भी पढ़ें : फर्टिलिटी पर कैसे होता है एंडोमेट्रियोसिस और एडिनोमायोसिस का असर?
फाइब्रॉइड गर्भाशय में होने वाली गांठें हैं. इनके ज़्यादा संख्या और बड़े आकार का होने पर गर्भाशय मोटा हो जाता है.
ये गर्भाशय की अंदरूनी सतह पर बनने वाली छोटे आकार की गाँठें होती हैं. आमतौर पर छोटी होती हैं, लेकिन संख्या में अधिक होने पर इनसे भी गर्भाशय की मोटाई बढ़ सकती है.
किसी पिछली सर्जरी या इन्फेक्शन के कारण गर्भाशय में स्कार टिशू बन सकते हैं जिनसे गर्भाशय मोटा हो जाता है.
अगर प्रोजेस्टेरोन के मुकाबले एस्ट्रोजन की मात्रा अधिक बनने लगे तो इससे गर्भाशय के टिशूज़ की ग्रोथ बढ़ जाती है और गर्भाशय में सूजन होना संभव है.
इसे भी पढ़ें : गर्भधारण के लिए कैसे करें असंतुलित हार्मोन्स को संतुलित?
बल्की यूटरस (uterus bulky in size in hindi) कई समस्याओं का कारण बन सकता है जिसमें सबसे गंभीर है इंफर्टिलिटी. आइये जानते हैं क्या हैं ये समस्याएँ.
गर्भाशय में सूजन जब एडेनोमायोसिस (adenomyosis) या गर्भाशय के फाइब्रॉइड (uterine fibroids) की वजह से हो तो इससे हेवी पीरियड्स की समस्या होने लगती है जो सामान्य से ज़्यादा दिनों तक चलते हैं. इससे ना केवल एनीमिया हो सकता है; बल्कि सामान्य काम-काज में भी दिक्कत आने लगती है.
इसे भी पढ़ें : पीरियड्स में अधिक ब्लीडिंग से परेशान? ये उपाय करेंगे आपकी मदद!
गर्भाशय की मोटाई बढ़ने के कारण अक्सर पीरियड्स और सेक्स के दौरान असहनीय दर्द होता है. खास तौर पर अगर यूटरस के अंदर बड़े साइज़ के फाइब्रॉइड (fibroids) हों तो ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं.
कई मामलों में बल्की यूटरस के कारण इंप्लांटेशन (implantation) में दिक्कत आने से गर्भधारण में समस्या हो सकती है. इसके अलावा प्री टर्म लेबर (preterm labour) और डिलीवरी के दौरान कॉम्प्लिकेशन भी आ सकते हैं.
यूटरस का आकार बढ्ने से ब्लैडर पर दबाव पड़ता है, जिससे बार-बार पेशाब आना, या एक बार में पूरी तरह से पेशाब न कर पाने जैसे दिक्कतें भी हो सकती हैं.
गर्भाशय की मोटाई बढ्ने से इसके आस-पास के ऑर्गन्स पर भी अनावश्यक दबाव पड़ता है जिससे डाइजेस्टिव प्रॉब्लम; जैसे कि ब्लोटिंग, कब्ज़ या भारीपन रहना शुरू हो जाता है. इसके अलावा अगर यूटरस काफी मोटा हो जाए तो उससे आसपास की मांसपेशियों पर लगातार पड़ने वाले दबाव से कमर दर्द, पेलविक पेन या टांगों में सूजन जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं.
गर्भाशय में सूजन होना एक चिंताजनक स्थिति है और इसके इलाज़ के (bulky uterus treatment in hindi) कई तरीके़ हैं जैसे कि दवाएँ, थेरेपी और सर्जरी.
बल्की यूटरस के इलाज़ का पहला और सबसे आम इलाज़ है दवाएँ. बर्थ कंट्रोल पिल्स (birth control pills) या हार्मोनल इंट्रायूट्रीन डिवाइस (IUDs) जैसी हार्मोनल दवाएँ मेंस्ट्रुएशन को रेगुलर करने और कुछ हद तक यूटरस के आकार को कम करने में मददगार होती हैं.
बढ़े हुए यूटरस के कारण हार्मोनल असंतुलन होने का रिस्क बढ़ जाता है और ऐसा होने पर हार्मोनल थेरेपी भी दी जाती है. इससे मेंस्ट्रुएशन रेगुलर होने के अलावा बहुत ज़्यादा ब्लीडिंग और गर्भाशय के आकार को घटाने में मदद मिलती है.
यदि इन सब तरीक़ों से आराम ना मिले तो मायोमेक्टोमी यानी कि फाइब्रॉइड को हटाना (myomectomy) या फिर हिस्टेरेक्टोमी यानी कि गर्भाशय को हटाना (hysterectomy) जैसे सर्जिकल ऑप्शन के बारे में सोचा जाता है. इसके अलावा एंडोमेट्रियल एबलेशन (endometrial ablation) यानी कि गर्भाशय के अंदरुनी झिल्ली को हटाना भी शामिल है इससे फाइब्रॉइड्स को खून की आपूर्ति बंद होने से वो सिकुड़ जाती हैं.
बल्की यूटरस के इलाज़ के तौर (bulky uterus treatment in hindi) पर आप कुछ घरेलू उपाय भी आजमा सकते हैं जैसे कि-
आइये अब बात करते हैं बल्की यूटरस (bulky uterus in hindi) से जुड़े कुछ सवालों के बारे में
जवाब : जी नहीं, बल्की यूटरस नॉर्मल नहीं है. हालाँकि कुछ मामलों में यूटरस प्राकृतिक रूप से थोड़ा भारी हो सकता है लेकिन अगर इसके साथ पीरियड्स या प्रेग्नेंसी से जुड़ी दिक्कतें होने लगें तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
जवाब : सामान्य रूप से एक अडल्ट महिला के गर्भाशय का आकार लगभग 7 से 8 सेंटीमीटर लंबा, 4 से 5 सेंटीमीटर चौड़ा और 2 से 3 सेंटीमीटर मोटा होना चाहिए.
जवाब : जी हाँ, बल्की यूटरस के बावजूद भी गर्भधारण हो सकता है. हालाँकि एडेनोमायोसिस या फाइब्रॉइड्स होने पर कंसीव करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन फिर भी माँ बनना पूरी तरह से संभव है.
बल्की यूटरस एक कॉम्प्लेक्स कंडीशन है जिसे पूरी तरह से ठीक करने के लिए लाइफ स्टाइल में बदलाव के साथ ही मेडिकल इंटेर्वेंशन भी ज़रूरी है. अगर आप भी इससे जुड़े लक्षणों को महसूस कर रही हैं तो बिना देरी किए अपने डाक्टर से मिलें.
Khan AT, Shehmar M, Gupta JK. (2014). Uterine fibroids: current perspectives.
Miyazawa K. (1983). Clinical significance of an enlarged uterus in patients with postmenopausal bleeding.
Tags
Yes
No
Medically Reviewed by
Dr. Shruti Tanwar
C-section & gynae problems - MBBS| MS (OBS & Gynae)
View Profile
Written by
Kavita Uprety
Get baby's diet chart, and growth tips
Vricocele in Hindi | पुरुषों के लिए मुश्किल का कारण बन सकता है वेरीकोसील!
Fertility test in Hindi | गर्भधारण में परेशानी? ये फर्टिलिटी टेस्ट कर सकते हैं आपकी मदद!
Almond Oil Massage Benefits For Baby in Hindi | बादाम तेल से बेबी की मसाज करने के फ़ायदे
Hindi Paheliyan For School With Answer | बच्चे से बड़े सबके दिमाग़ की कसरत करवा देंगी ये पहेलियाँ
Panchtantra Ki Kahaniyan | दिल बहलाने के साथ ही ज़िंदगी की सीख भी देती हैं पंचतंत्र की ये कहानियाँ
Baby Sleeping While Breastfeeding in Hindi | बेबी दूध पीते-पीते सो जाता है? जानें ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |