Breastfeeding & Lactation
4 October 2023 को अपडेट किया गया
शुरुआती 6 माह तक माँ का दूध बच्चे के लिए बहुत ज़रूरी माना जाता है. इस समय बच्चा अपनी भूख को शांत करने के लिए पूरी तरह से माँ के दूध पर निर्भर रहता है. इसके साथ ही स्तनपान से न सिर्फ़ बच्चे का पेट भरता है; बल्कि इससे माँ और बच्चे की बॉडिंग भी स्ट्रांग होती है. हालाँकि, डिलीवरी के बाद कुछ महिलाएँ ऐसी भी होती हैं, जिन्हें लो मिल्क सप्लाई का सामना करना पड़ता है. अगर आप भी एक न्यू मॉम हैं, और लो मिल्क सप्लाई की समस्या का सामना कर रही हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है. इस आर्टिकल के ज़रिये हम आपको लो मिल्क सप्लाई को दूर करने वाले शतावरी पाउडर (Shatavari churna benefits in Hindi) के बारे में डिटेल में जानकारी देंगे.
शतावरी, जिसे एस्पेरेगस रेसिमोसस (Asparagus racemosus) नाम से भी जाना जाता है, आयुर्वेदिक चिकित्सा में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला पौधा है. महिलाओं और पुरुषों की कई समस्या को ठीक करने के साथ ही शतावरी ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने (Shatavari powder benefits in Hindi) में भी मदद करती है. शतावरी का सेवन चूर्ण (पाउडर) या कैप्सूल के रूप में किया जा सकता है.
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शतावरी पाउडर के सेवन से महिलाओं को कई तरह के फ़ायदे (Shatavari powder benefits for female in Hindi) होते हैं. यहाँ हम उन फ़ायदों का ज़िक्र करने जा रहे हैं, जो डिलीवरी के बाद न्यू मॉम्स को होते हैं!
शतावरी पाउडर में फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं जो ब्रेस्टफ़ीडिंग करवाने वाली मॉम्स में प्रोलैक्टिन हार्मोन के प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद करते हैं. बता दें कि प्रोलैक्टिन वह हार्मोन है जो स्तन ग्रंथियों में दूध के प्रोडक्शन को उत्तेजित करता है.
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शतावरी पाउडर ब्रेस्ट के टिशूज को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है और दूध के फ्लो को बढ़ावा देता है. इसमें मौजूद पोषक तत्व माँ और बच्चे की ओवरऑल हेल्थ के लिए ज़रूरी होते हैं.
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शतावरी पाउडर में इम्यूनिटी को बढ़ाने वाले गुण होते हैं. साथ ही, यह न्यू मॉम और बेबी को इंफेक्शन के रिस्क से भी बचाता है. इतना ही नहीं, इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट बेबी को रेडिकल डैमेज से भी बचाते हैं.
शतावरी कल्प पाउडर (Shatavari kalpa benefits in Hindi) ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स के तनाव और चिंता को दूर करने का काम भी करता है, और इस तरह इससे ब्रेस्ट मिल्क की क्वालिटी में सुधार होता है.
शतावरी पाउडर (Shatavari powder ke fayde in Hindi) न्यू मॉम्स के डाइजेशन में सुधार करता है. इससे बेबी को पर्याप्त न्यूट्रिशन मिलता है.
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आयुर्वेद के अनुसार, शतावरी पाउडर महिलाओं के लिए सुरक्षित माना जाता है. हालाँकि, इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं; जैसे- ब्रेस्ट टेंडरनेस, सिरदर्द, पेट खराब होना और एलर्जी आदि. इसलिए शतावरी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करें. इसके साथ ही बताई गई मात्रा में ही शतावरी पाउडर का सेवन करें.
अक्सर शतावरी पाउडर के सेवन (Shatavari powder uses in Hindi) को लेकर न्यू मॉम्स में कंफ्यूजन होता है. चलिए आपको बताते हैं कि शतावरी पाउडर का सेवन करने के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए!
अगर आपको लैक्टेशन से संबंधित समस्या हैं, तो सबसे पहले आपको इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करना चाहिए. डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इसका सेवन करें. इसके साथ ही, अगर आपको किसी भी प्रकार की एलर्जी है या शतावरी पाउडर से एलर्जी महसूस होती है, तो भी इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श कर लें.
शतावरी पाउडर का सेवन सही मात्रा में करें. आमतौर पर दिन में 1 से 2 ग्राम शतावरी पाउडर लिया जा सकता है. हालाँकि, यह मात्रा हर महिला के लिए अलग हो सकती है. शतावरी पाउडर का अधिक सेवन कई साइड इफेक्ट्स का कारण बन सकता है.
शतावरी पाउडर का नियमित रूप से सेवन करें, क्योंकि इसका असर धीरे-धीरे दिखाई देता है.
ब्रेस्ट मिल्क की क्वालिटी और क्वांटिटी में सुधार करने के लिए हमेशा अपनी डाइट पर ध्यान दें. संतुलित डाइट लें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें.
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हमेशा अच्छी क्वालिटी के शतावरी पाउडर को ही ख़रीदें. शतावरी पाउडर ख़रीदते समय ध्यान रखें कि वह पूरी तरह से नेचुरल होना चाहिए. आप माइलो शतावरी लैक्टेशन सप्लीमेंट पाउडर (Mylo Shatavari Lactation Supplement Powder) को चुन सकते हैं, जो कि NABL लैब टेस्टेड, ओरल सेफ्टी के लिए क्लिनिकली टेस्टेड और FSSAI द्वारा लाइसेंस प्राप्त है.
शतावरी का उपयोग ब्रेस्ट मिल्क की क्वालिटी और क्वांटिटी में सुधार करने के लिए काफ़ी समय से किया जा रहा है. अगर आप भी लो मिल्क सप्लाई की समस्या से गुज़र रही हैं, तो आप माइलो शतावरी पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं. ध्यान रखें अगर आपको लैक्टेशन से संबंधित कोई और समस्या भी है, तो आप इसके सेवन से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह ले लें.
1. Veena N, Arora S, Singh RR, Katara A, Rastogi S, Rawat AK. (2015). Effect of Asparagus racemosus (shatavari) extract on physicochemical and functional properties of milk and its interaction with milk proteins. J Food Sci Technol.
2. Birla A, Satia M, Shah R, Pai A, Srivastava S, Langade D. (2022). Postpartum Use of Shavari Bar® Improves Breast Milk Output: A Double-Blind, Prospective, Randomized, Controlled Clinical Study. Cureus.
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Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
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