Health & Wellness
15 August 2023 को अपडेट किया गया
बदलते मौसम में अक्सर गले में दर्द और खराश हो जाती है. मौसम के अलावा तेज़ धूप से आने के बाद ठंडा पानी पीने या कभी तेज़ ठंडी चीज़ें जैसे चिल्ड कोक या आइसक्रीम या फिर घर की साफ-सफाई के दौरान सांस के साथ धूल के कण अंदर चले जाने के कारण होने वाली एलर्जी से भी गले में खराश और दर्द हो जाता है. खराश की वजह से गले में कांटे चुभने जैसा दर्द होने लगता है जो बड़ा परेशान करता है लेकिन आप कुछ घरेलू उपायों से इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.
ये होम रेमेडीज़ आसानी से रसोई में मौजूद सामग्री जैसे कि काली मिर्च और शहद, अदरक, एप्पल सिडार विनेगर, मुलेठी, आदि से बनायी जा सकती हैं. आइए जानें गले की खराश के लिए उपाय आप कैसे कर सकते हैं.
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मौसम और एलर्जी: गले की खराश, ठंड, बुखार, वायरल इन्फेक्शन और एलर्जी के शुरुवाती सिंपटम्स हो सकती है. इसके अलावा सर्दी गर्मी के कारण भी कई लोगों को गले में खराश की शिकायत होने लगती है. अगर आपके घर में पालतू जानवर हैं तो उनके बाल, धूल और हवा में मौजूद फूलों के पराग के कारण होने वाली एलर्जी भी गले में खराश पैदा कर सकती है.
गले में सूखापन: घर के अंदर एसी या हीटर चलने के कारण हवा में आने वाले सूखेपन से भी आपके गले में खराश और दर्द शुरू हो सकता है. मुंह से सांस लेने की आदत के कारण भी गले में सूखापन आता है जिससे गले में खराश पैदा हो सकती है.
एनवाइरौनमेंटल पोल्यूटेंट्स: हवा में मौजूद पोल्यूटेंट्स और इनडोर पोल्यूशन जैसे सिगरेट या तंबाकू के धुआँ भी गले में खराश पैदा करता है. इसके अलावा लगातार तंबाकू खाने, शराब का सेवन और मसालेदार भोजन भी गले की कोमल मसल्स में चुभन और इरिटेशन पैदा करता है.
थ्रोट मसल्स पर स्ट्रेस: चिल्लाने, जोर से बात करने या गले को रेस्ट दिये बिना लंबे समय तक बात करने से भी गले की मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है जिससे खराश और दर्द होने लगता है.
गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GRD): GRD या गर्ड, डाइज़ेशन सिस्टम का एक डिसऔडर है जिसमें पेट में बनने वाला एसिड फूड पाइप से होकर ऊपर गले की ओर आ जाता है जिससे गले में जलन और खराश पैदा हो जाती है.
गले में खराश होना एक आम बात है जो किसी भी उम्र में हो सकती है और कुछ घरेलू उपायों से ठीक भी हो जाती है. लेकिन कभी कभी जब यह लगातार बनी रहे तो यह असामान्य है और किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है. ऐसे में डौक्टरी सलाह और ट्रीटमेंट की ज़रूरत पड़ती है.
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नीचे दिये हुए कारणों की वजह से होने वाली गले की खराश को एक सामान्य समस्या माना जाता है.
किसी भी तरह की एलर्जी – पौलन, पेट एनिमल्स या धूल से होने वाली एलर्जी के कारण होने वाली गले खराश.
स्ट्रेप थ्रोट – 3 से 15 साल के बच्चों में स्ट्रेप थ्रोट के कारण होने वाली गले की खराश.
साइनस इन्फेक्शन - बार-बार साइनस इन्फेक्शन के कारण आपकी नाक से निकलने वाला पानी या म्यूकस कभी-कभी गले में जलन पैदा करता है जिससे गले में खराश हो सकती है.
प्रदूषण और गलत खान पान – ऐयर पोल्यूशन, सिगरेट का धुआँ भी गले में खराश पैदा करता है. इसके अलावा मिर्च मसाले का अधिक सेवन, शराब पीने और तंबाकू चबाने से भी गले में खराश हो सकती है.
गले की खराश कब होती है असामान्य?
नीचे बताई गयी तीनों स्थितियों में गले की खराश सामान्य नहीं है और घरेलू इलाज़ के बजाय आपको तुरंत डौक्टरी ट्रीटमेंट लेना चाहिए.
गले में ट्यूमर - जीभ, गले और वॉयस बॉक्स में होने वाला ट्यूमर भी आपके गले में खराश पैदा कर सकता है. इसके कारण आवाज में बदलाव, गले में गांठ और निगलने में कठिनाई भी होने लगती है जो सामान्य खराश से ज्यादा तकलीफ़देह और लगातार बनी रहती है.
गले का कैंसर - गले का ट्यूमर आमतौर पर गले की कोमल कोशिकाओं से शुरू होता है जो कैंसर के लिए बेहद सेंसेटिव हिस्सा होता है और यही लंबे समय तक रहने पर कैंसर का रूप ले लेता है. गले का कैंसर एपिग्लॉटिस, कार्टिलेज और टॉन्सिल्स में भी हो सकता है जिसके शुरुवाती लक्षण गले में खराश, खांसी, निगलने में कठिनाई और आवाज में बदलाव जैसे होते हैं.
कोरोनावायरस संक्रमण - कोरोनावायरस से प्रभावित होने पर भी शुरुवाती लक्षणों में गले की खराश होती है जिसके साथ बुखार और थकान भी होने लगती है.
नमक के पानी से गरारे - नमक मिले हुए पानी के गरारे करने से गले की खराश और दर्द में तुरंत आराम मिलता है. इसके लिए एक गिलास गुनगुने पानी में ½ छोटा चम्मच नमक डालें और अच्छी तरह मिलाएं और इसके घूंट भरकर 10 सेकंड के लिए गार्गल करें. ऐसा आप दिन में 2 से 3 बार करें.
काली मिर्च और शहद - काली मिर्च और शहद का कौंबिनेशन एक बहुत पुरानी रेमेडी है जिसे गले की खराश, सर्दी और खांसी के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है. शहद कफ को ठीक करने का एक प्राकृतिक इलाज़ है और काली मिर्च के साथ मिलने पर यह एक एंटी बैक्टीरियल मिश्रण बन जाता है.
अदरक - अदरक में पाये जाने वाले जिंजरोल में शक्तिशाली औषधीय गुण होते हैं. इसके रायोग के लिए 1 इंच अदरक को कद्दूकस कर लें और इसमें 1 गिलास पानी डालकर 5 मिनट तक उबाल लें. इस पानी को छानकर इसका सेवन करें.
मुलेठी - मुलेठी एक आयुर्वेदिक हर्ब है जिसमें एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण भरे होते हैं. इससे गले की खराश में चमत्कारिक रूप से आराम आता है. इसका सेवन करने के लिए आप एक पैन में मुलेठी के 1 इंच टुकड़े को 1 गिलास पानी के साथ 5 मिनट तक उबालें और इस चाय को छान कर पियें.
हल्दी वाला दूध - हल्दी वाला दूध एक एंटी-सेप्टिक का कार्य करता है और एक प्राकृतिक एंटी-बायोटिक भी होता है. गरम गरम हल्दी वाला दूध गले की खराश को दूर करने के साथ ही सूजन और दर्द को भी तुरंत कम करता है. रात को सोते वक़्त इसका सेवन ज्यादा लाभकारी है.
अब आगे आपको बताएँगे कि गले कि खराश होने पर कब आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए.
गले की खराश होने पर आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए अगर:
अगर आपके गले का दर्द, चुभन और खराश बढ़ती जाए.
इसके साथ 101 डिग्री तक बुखार हो जो दो दिन से ज्यादा समय तक बना रहे.
टॉन्सिल में बेहद सूजन के कारण नींद आने में कठिनाई होती हो.
गले में गांठ जैसी ग्रोथ का होना.
ज्यादातर मामलों में गले में खराश वायरल इन्फेक्शन के कारण होती है जो बिना किसी चिकित्सा के भी पांच से सात दिन में अपने आप ठीक हो जाती है. ज्यादा दिक्कत होने पर अगर डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दें तो उसका पूरा कोर्स करें ताकि इन्फेक्शन जड़ से खत्म हो सके.
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Written by
Kavita Upreti
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