Weight Loss
14 August 2023 को अपडेट किया गया
डिलीवरी के बाद अक्सर महिलाओं को अपने वज़न बढ़ने की चिंता होती है. हालाँकि, डिलीवरी के बाद कुछ महिलाओं का वज़न अपने आप कम होने लगता है, तो वहीं कुछ महिलाओं को वज़न घटाने के लिए मशक़्क़त करनी पड़ती है. अगर आप भी डिलीवरी के बाद या ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान वज़न घटाने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है. इस आर्टिकल के ज़रिये हम आपको हर वह महत्वपूर्ण जानकारी देंगे जो ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान वज़न घटाने के दौरान आपको ध्यान में रखना चाहिए.
इससे पहले कि हम ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान वज़न घटाने के बारे में बात करें, पहले यह जान लेते हैं कि ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान वज़न अपने-आप कैसे कम होता है. ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान वज़न का घटना (Weight Loss During Breastfeeding in Hindi) हर माँ की परस्थितियों के आधार पर फ़ायदेमंद या नुकसानदायक हो सकता है. अगर स्तनपान कराते हुए आपका वज़न दौरान धीरे-धीरे घट रहा है तो यह प्रेग्नेंसी के बाद एक फिट बॉडी की तरफ वापस जाने और मोटापे तथा टाइप 2 डायबिटीज जैसी हेल्थ प्रॉब्लम के रिस्क को कंट्रोल में रखने में मदद करता है. वहीं यदि वज़न तेज़ी से या बहुत ज़्यादा घटने लगे तो तो इससे ब्रेस्ट मिल्क के प्रोडक्शन में कमी आ सकती है जिससे बच्चे के लिए पर्याप्त पोषण की समस्या खड़ी हो जाएगी. हालाँकि, कुछ बातों का ध्यान रखकर ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान वज़न को कम किया जा सकता है.
आइये जानते हैं उन कारणों के बारे में जिनसे ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान वज़न (Weight Loss During Breastfeeding in Hindi) गिरने लगता है.
नयी माँ की जिंदगी में शिशु के आने के बाद आने वाले कई बदलाव ही वज़न घटने का कारण होते हैं; जैसे कि-
ब्रेस्ट मिल्क के प्रोडक्शन के लिए एक्सट्रा एनर्जी की आवश्यकता होती है, जिस कारण मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है और इससे ज़्यादा कैलोरी बर्न होने लगती हैं और वेट घटने लगता है.
ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान बनने वाले हार्मोन जैसे प्रोलैक्टिन भूख में कमी लाते हैं जिससे कुछ महिलाओं की खाने की इच्छा में कमी आ जाती है.
बच्चे के जन्म के बाद अक्सर माँ का रात का नॉर्मल स्लीप पैटर्न ख़राब हो जाता है और कम सोने के कारण हार्मोनल बैलेंस में गड़बड़ी आ जाती है. इससे ग्रेलिन (ghrelin) और लेप्टिन (leptin) जैसे एपेटाइट रेगुलेटिंग हार्मोन डिस्टर्ब हो सकते हैं. इसके अलावा कई बार थकी हुई माँ संतुलित भोजन के बजाय शॉर्ट और क्विक मील्स खा कर अपनी भूख मिटाती है जिससे वज़न घटने लगता है.
नींद की कमी से होने वाली थकान और चिड़चिड़ाहट से स्ट्रेस लेवल बढ़ सकता है जिससे भूख में कमी आना या मील स्किप करने के कारण भी वेट लॉस हो सकता है.
ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान वेट कम होना जेनेटिक फ़ैक्टर्स पर भी निर्भर करता है. जैसे हाई मेटाबॉलिक रेट के कारण कैलोरी बर्न करने की अच्छी क्षमता, बॉडी की फैट स्टोरेज टेंडेंसी जिससे बॉडी के कुछ हिस्सों से वज़न घटाना आसान होना और जेनेटिक फ़ैक्टर्स जिनसे शरीर का मसल मास और बॉडी कंपोजिशन तय होता है.
अब बात करते हैं कि अगर आप स्तनपान के दौरान वज़न घटाना चाहती हैं तो इसकी शुरुआत आपको कब से करनी चाहिए.
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बच्चे को जन्म देने के बाद शरीर दोबारा कुछ परिवर्तनों से गुजरता हुआ अपने स्वाभाविक शेप में आता है और इसलिए जल्दबाज़ी न करते हुए इन फ़ैक्टर्स को ध्यान में रखना चाहिए.
डिलीवरी के बाद बॉडी को ठीक होने का समय दें जिसके लिए कम से कम पहले 6 सप्ताह तक रुकें.
आपकी दूसरी प्राथमिकता है बच्चे के लिए पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क का प्रोडक्शन. तेजी से वज़न घटने पर मिल्क प्रोडक्शन प्रभावित हो सकता है, इसलिए ऐसा करने से बचें.
अपने एनर्जी लेवल, हंगर क्यूज़ (hunger cues) और ओवर ऑल हेल्थ पर ध्यान दें और जब आप एनेर्ज़ेटिक महसूस करें तो धीरे-धीरे हल्के व्यायाम से शुरुआत करें.
अपने वेट लॉस के प्रयासों को धीरे-धीरे बढ़ाएँ जिससे आपकी ओवर ऑल हेल्थ और मिल्क प्रोडक्शन में कमी ना आए. हर हफ़्ते धीरे-धीरे लगभग 1-2 पाउंड वज़न कम करना एक हेल्दी टारगेट है.
खुद को हाइड्रेटेड रखें ख़ासकर अगर आप ब्रेस्टफ़ीड करा रही हैं तो. वेट लॉस और फ़ीडिंग दोनों के लिए हाइड्रेटेड रहना ज़रूरी है.
इस बात को न भूलें कि अभी-अभी आपका शरीर बड़े परिवर्तन से गुज़रा है इसलिए सेल्फ केयर पर पूरा ध्यान दें जिसके लिए हेल्दी और न्यूट्रिशस डाइट लें जिससे वेट लॉस में भी मदद मिलेगी.
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डिलीवरी के कुछ समय के बाद जब आपका शरीर स्टेबल लगने लगे और आप वेट लॉस के लिए ख़ुद को तैयार महसूस करें तो लाइफ स्टाइल में बदलाव से जुड़े कुछ खास तरीके अपनाकर आप अपने वेट लॉस टारगेट को एक बूस्ट दे सकते हैं; जैसे कि-
स्तनपान के दौरान हेल्दी और न्यूट्रिशस डाइट से न केवल आपकी ओवर ऑल हेल्थ अच्छी रहेगी; बल्कि धीरे-धीरे और स्थायी रूप से वेट लॉस में मदद मिलेगी. फल, सब्जियाँ, होलग्रेन, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर भोजन आपके बच्चे के पोषण के लिए आवश्यक विटामिन, मिनरल्स और एनर्जी देता है और इससे अनावश्यक फूड क्रेविंग्स भी कंट्रोल में रहती हैं. साथ ही इससे ब्रेस्टमिल्क की पर्याप्त आपूर्ति भी बनी रहती है. हाई फाइबर फूड से डाइज़ेशन अच्छा रहता है जो वेट लॉस के लिए भी ज़रूरी है.
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स्तनपान के दौरान अच्छे से हाइड्रेटेड रहना वेट लॉस को आसान बना देता है. पानी कई सारी मेटाबॉलिक प्रोसेस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिससे मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और ज़्यादा कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है. हाइड्रेशन से फाल्स हंगर क्यूज़ (false hunger cues) भी नहीं होते और बच्चे के लिए मिल्क प्रोडक्शन में भी मदद मिलती है.
स्तनपान के दौरान धीरे-धीरे फिजिकल एक्टिविटी को अपने रूटीन में शामिल करें जिससे स्थायी रूप से वज़न घटाने में मदद मिलेगी. इसके लिए ब्रिस्क वॉक, पोस्ट पार्टम योगा या हल्के फुल्के एरोबिक्स से शुरुआत करें. ज़्यादा थकाने वाली भारी एक्सरसाइज़ ना करें क्योंकि इससे मिल्क प्रोडक्शन पर असर पड़ सकता है.
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बच्चे की डिमांड पर उसे दूध पिलाते रहें जो पोस्टपार्टम पीरियड में ख़ास तौर से वेट लॉस में मदद करता है. बार-बार दूध पिलाने से जहाँ ब्रेस्ट में पर्याप्त दूध बनता रहता है वहीं अतिरिक्त कैलोरी भी बर्न होती हैं, जिससे धीरे-धीरे वज़न घटाने में मदद मिलती है.
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डिलीवरी के बाद वेट लॉस के लिए हमेशा एक बैलेंस अप्रोच अपनाएँ. इस दौरान जहाँ आपका रिप्रोडक्टिव सिस्टम और हार्मोन्स अपनी सामान्य अवस्था में आने की प्रोसेस में हैं. वहीं, ब्रेस्ट में बच्चे के लिए पर्याप्त दूध बनना भी ज़रूरी है. इस सब के लिए सेल्फ केयर और हेल्दी खाने को अपनी प्रायोरिटी बनाएँ. हमेशा याद रखें कि धीरे-धीरे वज़न घटाना आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए अधिक सुरक्षित और स्थायी होगा. पोस्टपार्टम के इस नाजुक दौर में पूरा आराम, पर्याप्त न्यूट्रिशन और ख़ुद की देखभाल को प्राथमिकता दें.
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2. Sámano R, Martínez-Rojano H, Godínez Martínez E, Sánchez Jiménez B, et al. (2013). Effects of breastfeeding on weight loss and recovery of pregestational weight in adolescent and adult mothers.
3. Tahir MJ, Haapala JL, Foster LP, Duncan KM, Teague AM, et al. (2019). Association of Full Breastfeeding Duration with Postpartum Weight Retention in a Cohort of Predominantly Breastfeeding Women. Nutrients.
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