Updated on 20 September 2023
नाम सुनकर ऐसा लगता है जैसे मिल्क थिस्ल का दूध जैसी किसी चीज़ से संबंध है लेकिन वास्तव में यह एक पौधे का नाम है जिसके मेडिसिनल गुणों के कारण चिकित्सा के लिए इसका उपयोग किया जाता है. इसमें अद्भुद हेपेटोप्रोटेक्टिव (hepatoprotective) प्रॉपर्टीज़ होती हैं जो लिवर के इलाज़ और उसे स्वस्थ रखने में हर्बल रेमेडी के रूप में ख़ास तौर पर लाभदायक हैं. आइये मिल्क थिस्ल (milk thistle in Hindi) के बारे में विस्तार से जानते हैं.
मिल्क थिस्ल का वैज्ञानिक नाम सिलिबम मैरिएनम (Silybum marianum) है और ये डेज़ी फैमिली का पौधा है. इस पौधे के तने और शाख़ों में सफेद नसें दिखाई देती हैं और इसकी कांटेदार पत्तियां होती हैं. इसमें मौजूद दूधिया रस के कारण इसे ‘मिल्क थिस्ल’ नाम दिया गया है. मिल्क थिस्ल का सबसे लाभकारी हिस्सा इसके बीज होते हैं, जिनसे सिलीमारिन (Silymarin) नामक एक बायोएक्टिव पदार्थ मिलता है. सिलीमारिन में सिलीबिन (Silybin), सिलिडिएनिन (Silydianin) और सिलीक्रिस्टिन (Silychristin) नामक कंपाउंड होते हैं जिनके कारण इस पौधे में कमाल की मेडिसिनल प्रॉपर्टीज़ आ जाती हैं.
मिल्क थिस्ल के कई फ़ायदे हैं (milk thistle benefits in Hindi) जिनके बारे में आगे आपको बताएँगे.
मिल्क थिस्ल को विशेष रूप से लिवर से जुड़ी समस्याओं में उपयोगी माना जाता है लेकिन अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में बेहद लाभ मिलता है; जैसे कि
सिलीमारिन लिवर की कोशिकाओं को विषाक्त पदार्थों, शराब और कुछ ख़ास तरह की दवाओं से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है. इससे लिवर के डिटोक्सिफिकेशन (Liver detoxification) और रिजेनेरेशन (liver regeneration) में मदद मिलती है और नई लिवर कोशिकाओं के प्रोडक्शन में तेज़ी आती है.
इसे भी पढ़ें : इम्यून सिस्टम से लेकर लाइफस्टाइल तक में सुधार करती है सफ़ेद मूसली
कुछ रिसर्च में ये भी पता चला है कि मिल्क थिस्ल हार्मोन्स पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है और इसके अर्क में एस्ट्रोजेनिक और एंटी-एस्ट्रोजेनिक प्रभाव होता है. कुछ अन्य रिसर्च भी कहती हैं कि मिल्क थिस्ल में एंटी-एंड्रोजेनिक गुण होते हैं जिसे टेस्टोस्टेरोन और अन्य एण्ड्रोजन से संबंधित हार्मोन्स को बैलेंस करने में मदद मिल सकती है.
मिल्क थिस्ल का उपयोग पारंपरिक रूप से एक गैलेक्टागॉग (galactagogue) यानी कि लेक्टेशन बढ़ाने पदार्थ वाले रूप में भी किया जाता है. इसके सेवन से प्रोलैक्टिन (prolactin) हार्मोन्स में सुधार होता है जिससे ब्रेस्टमिल्क बढ़ता है.
मिल्क थिस्ल हालाँकि सीधे तौर पर मुँहासे को कम करने के लिए प्रयोग में नहीं लाया जाता है. इसके सेवन से लिवर डेटोक्सिफिकेशन होता है, लिवर की कार्य क्षमता बढ़ती है साथ ही हार्मोन संतुलन आने के कारण मुँहासोंं की समस्या में कमी आती है और त्वचा साफ़ होने लगती है.
हड्डियों के स्वास्थ्य और मज़बूती के लिए भी मिल्क थिस्ल का प्रयोग लाभकारी है. इसमें सिलीमारिन (Silymarin) पाया जाता है जो एक पॉलीफेनोलिक फ्लेवोनोइड (polyphenolic flavonoid) है और बोन हेल्थ के लिए बेहद फायेदमंद माना जाता है. यह हड्डियों से जुड़ी कई तरह की समस्याओं से बचाने में मदद करता है.
डायबिटीज और खास तौर पर टाइप 2 डायबिटीज के पेशेंट को मिल्क थिस्ल के प्रयोग से कई लाभ हो सकते हैं. इसके एक्टिव कंपाउंड सिलीमारिन (Silymarin) में एंटी डायबिटीक प्रॉपर्टी होती है जिससे इंसुलिन रेसिस्टेंस में कमी आती है. सिलीमारिन से पेंक्रिएटिक बीटा सेल्स (pancreatic beta cells ) को भी सुरक्षा मिलती है जो इंसुलिन का प्रोडक्शन करते हैं.
हालाँकि, वज़न घटाने में मिल्क थिस्ल के असर के ऊपर अभी और शोध करने की ज़रूरत है, लेकिन एक रिसर्च के अनुसार मिल्क थिस्ल के सेवन से मेटाबॉलिज्म पर सकारात्मक असर पड़ता है और इससे वज़न कम करने में मदद मिल सकती है.
मिल्क थिस्ल एक एंटीऑक्सीडेंट रिच पौधा है और कैंसर कोशिकाओं के ऊपर इसके असर को लेकर किए गए शोध में ये पाया गया कि यह कैंसर सेल को बढ्ने से रोकने और एपोप्टोसिस (apoptosis) यानी स्वस्थ कोशिकाओं की मृत्यु को कम करने में मदद कर सकता है. हालाँकि ऐसे सभी रिसर्च अभी तक लैब में या जानवरों पर ही हुए हैं और मनुष्यों पर कैंसर ट्रीटमेंट के लिए सिर्फ़ मिल्क थिस्ल के प्रयोग पर आधारित नहीं रहा जा सकता.
मिल्क थिस्ल के फ़ायदे (milk thistle benefits in Hindi) जानने के बाद अब आपको बताते हैं कि आप इसे अपनी डाइट में कैसे शामिल कर सकते हैं.
आप मिल्क थिस्ल को अपनी डेली लाइफ में कई तरह से प्रयोग (milk thistle uses in Hindi) कर सकते हैं; जैसे कि
मिल्क थिस्ल बाज़ार में कैप्सूल, टैबलेट और सॉफ़्ट जेल के रूप में उपलब्ध है और यह इसके प्रयोग का सबसे सुविधाजनक तरीक़ा है. डिब्बे पर बताई गयी मात्रा या डॉक्टर की सलाह के अनुसार आप इसका सेवन करें.
आप मिल्क थिस्ल के बीज या पत्तियों को गर्म पानी में कुछ देर भिगो कर इसकी चाय बना सकते हैं. इसके टी बैग या खुले बीज ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध हैं जिन्हें लगभग 10-15 मिनट तक भिगोकर रखें और फिर छानकर इसकी हर्बल चाय का आनंद लें.
मिल्क थिस्ल का अर्क इसका कंसंट्रेटेड रूप है जो लिक्विड फॉर्म में मिलता है और आप इसकी कुछ बूँदें अपने जूस या स्मूदी में मिला कर ले सकते हैं.
इसके अलावा मिल्क थिस्ल के बीजों को पीसकर बारीक पाउडर भी बनाया जा सकता है जिसे खाना पकाने में मसाले या सीज़निंग के रूप में आसानी से प्रयोग किया जा सकता है. इनका स्वाद थोड़ा कड़वाहट भरा होता है, इसलिए इन्हें मीठे के बजाय अधिकतर नमकीन व्यंजनों जैसे सलाद, सूप या सब्ज़ियों में और दही आदि में मिलाकर खाना ज़्यादा आसान है.
जब भी आप मिल्क थिस्ल को खाने की शुरुआत करें इसे थोड़ी मात्रा में लें और अपने बॉडी पर इसका असर देखें. फिर धीरे-धीरे इसकी खुराक बढ़ाएँ. अगर आपको पहले से ही कोई समस्या है या आप किसी बीमारी की दवाएँ ले रहे हैं तो इसे शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर का परामर्श ज़रूर लें. वो ये सुनिश्चित करेंगे कि इसका सेवन आपके लिए सुरक्षित है या नहीं और अगर है तो कितनी मात्रा में आपको इसे खाना चाहिए.
1. Achufusi TGO, Patel RK. (2023). Milk Thistle.
2. Mulrow C, Lawrence V, Jacobs B, et al. (2000). Milk Thistle: Effects on Liver Disease and Cirrhosis and Clinical Adverse Effects: Summary.
Milk Thistle in Ayurveda: Unlock The Healing Potential and Health Benefits of This Herb in English
Yes
No
Written by
Kavita Uprety
Get baby's diet chart, and growth tips
The Ultimate Balanced Diet Chart: Your Guide to Optimal Nutrition
Mundan Ceremony: A New Parent's Guide to Customs, Traditions and Celebrations
Can Breastfeeding Mom Eat Mango: Debunking Myths & Providing Expert Advice
Dates for PCOS: How to Harness their Health Benefits
Coconut Water for PCOS: Discovering the Natural Support You've Been Missing
Everything You Need to Know About the Length of Vagina
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |