Baby Care
21 August 2023 को अपडेट किया गया
बच्चे के जन्म के बाद, कई महिलाएँ ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट का अनुभव करती हैं। ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट, ब्रेस्ट में सूजन आने, उसके टेंडर होने पर या फिर ब्रेस्ट टीशू में अचानक बढ़ते हुए ब्लड और मिल्क फ्लो से हो सकता है। ऐसा माना जाता था कि ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट की परेशानी केवल उन महिलाओं में होती है जो अपने बच्चों को ब्रैस्टफीड कराती हैं। लेकिन असल में, ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट का एक अहम कारण यह भी होता है जब एक महिला का शरीर स्वाभाविक रूप से बच्चे के जन्म के बाद दूध का उत्पादन करना शुरू कर देता है।
आज हम ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट के कारणों, लक्षणों और उपचार के बारे में बात करेंगे, जिसके चलते प्रतिदिन सैकड़ों न्यू मॉम्स प्रभावित होती है।
बच्चे के जन्म के तुरंत बाद, एक न्यू मॉम के शरीर में ब्रेस्ट टिशू में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। यह बढ़ा हुआ ब्लड फ्लो बच्चे को पिलाने के लिए दूध उत्पादन को बढ़ाता है। लेकिन, कभी-कभी, इससे ब्रेस्ट में टेंडरनेस और दर्द हो सकता है।
आम तौर पर, ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट डिलीवरी के बाद महिला की ब्रेस्ट से दूध शुरू होने के तुरंत बाद होता है। कुछ महिलाओं में पोस्टपार्टम के तीन से पांच दिनों के बाद ही दूध आना शुरू हो जाता हैं, इसलिए बच्चे के जन्म के बाद पहले या दूसरे सप्ताह में भी ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट दिखाई देती है। लेकिन जो महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग करवाती हैं, उन्हें ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट का सामना बाद में भी करना पड़ सकता है।
एन्गॉर्जड ब्रेस्ट बिना किसी विशेष कारण या केवल ब्लड और मिल्क फ्लो के कारण हो सकता है, इसी से जुडी कुछ स्तिथियों पर हम आगे बात करेंगे:
जो महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराना चाहती, उन्हें अक्सर इस बात का अहसास नहीं होता है कि बच्चे के जन्म के बाद पहले कुछ दिनों में मिल्क सप्लाई होना स्वाभाविक है। यदि वे नहीं चाहती कि उन्हें ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट का सामना करना पड़े, तो उन्हें इस स्तिथि में भी अपने ब्रेस्ट मिल्क को निकलना होगा।
ब्रेस्टफीडिंग के शुरुआती दिनों में, कुछ मॉम्स को बच्चे को निप्पल को ठीक से पकड़ने और सक करने के लिए स्ट्रगल करना पड़ता है। ब्रेस्टफीडिंग में कठिनाइयों का सामना करने वाली मॉम्स ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट प्रोफेशनल्स के पास जा सकती हैं और निप्पल एन्गॉर्जमेन्ट जैसी समस्याओं से बच सकती हैं
यदि ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मॉम्स किसी दिन फीडिंग करवाना भूल जाएं तो उन्हें सूजे हुए और एन्गॉर्जड ब्रेस्ट का सामना करना पड़ सकता है।
जब मॉम्स अपने दूध के साथ साथ बच्चे को बाहरी दूध देना शुरू करती हैं, तो उनके शरीर में दूध की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण उन्हें ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट का अनुभव हो सकता
ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट की रोकथाम के विशेषज्ञों ने पाया है कि बीमार बच्चे को दूध पिलाने से माँ के निप्पल सूज सकते हैं और यह तकलीफदेह भी हो सकता हैं।
बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाना या उसका मां का दूध छुड़ाना दोनों को ही करने में किसी प्रकार की जल्दबाज़ी ना करें। जब माँ बच्चे को बहुत जल्दी दूध छुड़ाने की कोशिश करती है, तो इससे माँ की engorged tits ब्रेस्ट में सूजन आ सकती है।
अलग-अलग महिलाओं में ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट के लक्षण अलग-अलग होते हैं। कुछ महिलाओं को केवल एक ब्रेस्ट में सूजन महसूस होती है, जबकि कुछ को दोनों में भी इसका अनुभव हो सकता है। कुछ महिलाओं में, ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट के लक्षण कांख तक भी फैल सकते हैं।
· ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट से कारण कभी-कभी ब्रेस्ट टाइट हो जाती है और उसे छूने में भी मुश्किल महसूस होती है।
· गांठदार या सूजी हुई ब्रेस्ट भी ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट का एक लक्षण हो सकती हैं, जिसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
· कुछ महिलाओं के लिए, ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट बेहद परेशानी वाला हो सकता है, उन्हें लगता है कि उनकी ब्रेस्ट पत्थर के समान सख्त हो गई है।
ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट के सामान्य लक्षण हल्का बुखार और थकान हैं। महिलाएं आमतौर पर इस लो ‘’ 'मिल्क फीवर' के साथ भी बच्चे को फीड करवा सकती हैं, लेकिन जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से सलहा करना सबसे अच्छा है। कुछ मामलों में, बुखार के कारण ब्रेस्ट से सम्बंधित अन्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट की एक और गंभीर समस्या मास्टिटिस है, इसके अंतर्गत ट्रैप्ड मिल्क के कारण ब्रेस्ट टिशू में इन्फेक्शन होने का ख़तरा हो सकता है।
बच्चे के जन्म के बाद पहले कुछ महीनों के दौरान डॉक्टर या ब्रेस्टफीडिंग सलाहकार से बातचीत करना या सलहा लेना बेहद जरूररी होता है ताकि जब भी मॉम्स को किसी प्रकार की परेशानी हो तो तुरंत उन्हें ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट के लिए एक नर्सिंग केयर प्लान मिल सके।
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मॉम्स नीचे दी गई ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट होम रेमेडीज़ का उपयोग कर सकती हैं:
· दूध को ब्रेस्ट से निकलने के लिए गर्म सेंक का प्रयोग करें।
· बच्चे के पेट भरने तक उसे नियमित समय पर फीड करवाएं।
· सूजन से बचने के लिए बच्चे को दोनों ब्रेस्ट से दूध पिलाएँ।
· पोस्टपार्टम के बाद ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट से परेशान मॉम्स आराम पाने के लिए ठंडे सेंक का उपयोग कर सकती हैं। यह दूध की सप्लाई को कम करने में भी मदद करता है।
· दूध की मात्रा ज्यादा होने पर हैंड पंप या ब्रेस्ट पंप का उपयोग किया जा सकता है।
· बच्चे का धीरे धीरे ब्रेस्टफीडिंग कम करवाना भी ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट को रोकने का एक उपाय है।
जो मॉम्स ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराना चाहतीं, उन्हें बच्चे के जन्म के कुछ दिनों बाद ही ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। परन्तु फिर भी, ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट के लक्षण दिखने पर वे निम्नलिखित उपाय कर सकती हैं:
दर्द से राहत और मिल्क सप्लाई को कम करने के लिए कोल्ड कंप्रेस का इस्तेमाल करें।
विशेष रूप से डिज़ाइन की गई ब्रा पहनें जो ब्रेस्ट को पूरी तरह से सपोर्ट दें और ब्रेस्ट की मूवमेंट कम से कम रखें।
ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट की रोकथाम के घरेलू उपचार कुछ मॉम्स के लिए प्रभावी होते हैं। लेकिन बेहतर यही होगा कि डॉक्टर से सलाह लें और इसका इलाज जल्द से जल्द कराएं। डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवाई न लें, क्योंकि इससे आपके ब्रेस्ट मिल्क की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ सकता है।
ब्रेस्टफीडिंग माँ और उसके बच्चे के बीच एक खूबसूरत एहसास है, लेकिन इसमे परेशानियाँ हो सकती हैं। यदि एन्गॉर्जमेन्ट में सुधार नहीं होता है तो दूध के दबाव को कम करने के लिए कभी-कभी इलेक्ट्रिक पंप के जरिये मिल्क को "पंप आउट" किया जा सकता है। ब्रेस्ट एन्गॉर्जमेन्ट के बारे में रिसर्च करें और इसकी रोकथाम के लिए ज्यादा से ज्यादा लेख पढ़ें। बेबी और मदर केयर उत्पादों के लिए मायलो स्टोर पर जाएं।
Yes
No
Written by
Priyanka Verma
Priyanka is an experienced editor & content writer with great attention to detail. Mother to an 11-year-old, she's a ski
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
Ganglion Cyst in Hindi | गैंगलियन सिस्ट क्या है? जानें इसके शुरुआती लक्षण
Best Foods for Baby' Mental Development in Hindi | बेबी के मेंटल डेवलपमेंट में मदद करते हैं ये फूड्स
Lemon During Pregnancy in Hindi | क्या प्रेग्नेंसी में नींबू का सेवन कर सकते हैं?
Best Breastfeeding Positions in Hindi | माँ और बेबी दोनों के लिए कंफर्टेबल होती हैं ये ब्रेस्टफ़ीडिंग पोजीशन
Breast Pain During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में क्यों होता है ब्रेस्ट पेन? जानें कारण और राहत पाने के उपाय!
Breastfeeding During Fever in Hindi| क्या बुख़ार होने पर माँ बेबी को दूध पिला सकती है?
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |