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    Side Effects of Hing in Hindi | हींग का ज़्यादा सेवन पड़ सकता है सेहत पर भारी!

    Diet & Nutrition

    Side Effects of Hing in Hindi | हींग का ज़्यादा सेवन पड़ सकता है सेहत पर भारी!

    15 August 2023 को अपडेट किया गया

    हींग भारतीय रसोई से सदियों से जुड़ी हुई है और इसके इस्तेमाल से व्यंजनों का स्वाद और सुगंध कई गुना बढ़ जाता है. हींग न केवल भोजन का जायका बढ़ाती है बल्कि पेट और पाचन के लिए भी लाभदायक होती है. असल में हींग फेरूला नाम के एक पौधे की जड़ से मिलती है जिसे इकट्ठा कर के ढेलों के रूप में सुखा के आगे बेचा जाता है जो फिर पावडर के रूप में बाज़ार में बिकती है. रसोई के अलावा हींग बहुत से घरेलू उपाय में भी इस्तेमाल की जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि हींग का ज़रूरत से अधिक इस्तेमाल आपको कई तरह की मुश्किलों में डाल सकता है.

    इस पोस्ट में हम आपको हींग के अधिक सेवन से होने वाले ऐसे ही कुछ दुष्परिणामों के बारे में बताएँगे.

    हींग के साइड इफेक्ट्स (Asafoetida side effects in Hindi)

    • डाइरिया - हींग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं में तुरंत राहत देती है लेकिन अगर आप इसे अधिक मात्रा में ले लें तो इससे गैस की समस्या (Gas), दस्त और पेट में तेज़ जलन होने जैसे दिक्कतें भी शुरू हो सकती हैं. हींग की अधिक मात्रा वाली कोई दवा, अचार, पाचक गोली या तेज़ हींग युक्त भोजन का सेवन करने से पहले कुछ हल्के स्नैक्स खा लेने पर इस समस्या से कुछ हद तक बचा जा सकता है.

    • हाई और लो ब्लड प्रेशर- हींग का अधिक सेवन, हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर की समस्या भी पैदा कर सकता है. ऐसे लोग जो पहले से ही ब्लडप्रेशर (Blood pressure) की समस्या से ग्रसित हैं उन्हे इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए या फिर इससे पूरी तरह दूर रहना चाहिए. हींग एक नेचुरल ब्लड थिनर का भी काम करती है और रक्त के थक्के बनने से रोकती है. हींग के अंदर Coumarin नाम का कोम्पोनेंट पाया जाता है जो ब्लड क्लॉट होने से बचाता है और ब्लड सर्क्युलेशन को भी बेहतर करता है.

    • स्किन रैशेज- कई लोगों को हींग के सेवन से स्किन पर लाल चकत्ते या स्किन रैशेज (Skin rashes) की समस्या भी होने लगती है. ऐसा तब होता है जब हींग ज़रूरत से अधिक मात्रा में खाई जाए जिससे स्किन रैशेज के साथ अक्सर खुजली भी हो सकती है. हालांकि ये लक्षण सामान्यतः कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाते हैं.

    • होठों की सूजन - हींग एक बहुत ही गुणकारी पदार्थ है और सीमित मात्रा में इसका सेवन दवा की तरह काम करता है लेकिन ज्यादा सेवन करने पर कुछ लोगों को इससे होंठों में सूजन आ सकती है. हालांकि यह सूजन कुछ समय तक रहने के बाद अपने आप ठीक हो जाती है.

    • सिर में तेज दर्द - अधिक मात्रा में हींग का सेवन करने से कभी-कभी सिर दर्द (Headache), और चक्कर और आना (Dizziness) जैसे समस्याएँ भी हो सकती हैं जो कुछ समय तक बनी रहने के बाद धीरे-धीरे अपने आप खत्म हो जाती हैं. कुछ लोग सुबह-सुबह हींग के पानी का सेवन करना पसंद करते हैं जिसका असर व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग अलग हो सकता है और ये भी संभव है कि कुछ को ये सूट न करे. हींग के पानी का सेवन करने से पहले डायटीशियन से राय जरूर लें और कितनी मात्रा में हींग मिलानी चाहिए इसका भी खास ध्यान रखें. कोशिश यही करें कि हींग का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए.

    इसे भी पढ़ें : गैस और बदहजमी को बढ़ावा देती हैं ये सब्ज़ियाँ!

    आगे आपको बताएँगे कि प्रेग्नेंसी में आपको हींग का सेवन करना चाहिये या नहीं.

    प्रेग्नेंसी में हींग का सेवन करना कितना सुरक्षित? (Is it safe to consume Hing (Asafoetida) during Pregnancy in Hindi)

    गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में हींग का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिये लेकिन दूसरे या तीसरे ट्राइमेस्टर में आप बहुत कम मात्रा में हींग खा सकते हैं. प्रेग्नेंसी में हींग का अधिक सेवन करने कुछ गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं जैसे कि,

    • हाई ब्लड प्रेशर- अगर आपको पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो प्रेग्नेंसी के दौरान हींग का सेवन करने से बचें. इससे ब्लड प्रेशर ज्यादा बढ़ सकता हई जो आपके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए गंभीर रूप से नुकसानदायक है.

    • मिसकैरेज - हींग में ऐसे तत्व होते हैं जिसके अधिक सेवन से जिससे गर्भ गिरने की स्थिति तक बन सकती है. हींग का अधिक सेवन यूट्रस में समय से पहले संकुचन पैदा कर सकता है जिससे गर्भपात तक हो जाता है.

    • उल्टी और पेट फूलना - बहुत ज्यादा हींग खाने पर उल्टी, उबकाई आना, गैस, डकार और होठों में सूजन आ सकती है.

    • वात की समस्या – हींग का सेवन कुछ लोगों में वात का संतुलन भी बिगाड़ देता है.

    • कच्ची हींग से बचें - इसके अलावा प्रेग्नेंसी में कच्ची हींग या इससे बनी हुई चीज़ें बिल्कुल न खाएं क्योंकि ये अधिक तेज़ प्रभाव वाली और नुकसानदायक हो सकती है.

    स्तनपान और हींग का सेवन (Breastfeeding and consumption of asafoetida in Hindi)

    ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली माओं को भी अपने खाने में हींग के अधिक प्रयोग से बचना चाहिए क्योंकि ये दूध के जरिये आपके शिशु तक पहुंचती है और इससे उसे नुकसान पहुंच सकता है. मां के द्वारा खाया गया अधिक हींग और मसालेदार खाना उसके दूध की प्रकृति पर भी असर डालता है और इन मसालों का प्रभाव दूध में आ जाता है. इसकी वजह से शिशु की तबीतय बिगड़ सकती है. हींग में मौजूद फेरुलिक एसिड ब्रेस्टफीड से बच्चे के शरीर में भी जाता है और अधिक मात्रा में खाने से यह इंटरनल ब्लीडिंग जैसी गंभीर दिक्कतें पैदा कर सकता है. 5 साल से कम उम्र के बच्चों को शुद्ध हींग से बने पदार्थ नहीं देने चाहिये और भोजन में भी इसका कम से कम मात्रा में प्रयोग करना चाहिये.

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    Written by

    Kavita Upreti

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