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22 February 2024 को अपडेट किया गया
चेस्टबेरी एक प्राकृतिक सप्लीमेंट है जो हार्मोनल बैलेंस और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं के इलाज में मददगार है. यह दवा चेस्टबेरी के पौधे से बनाई जाती है जो एक नेचुरल फाइटोहार्मोन है. चेस्टबेरी के सेवन से ओवरी को ताक़त मिलती है जिसके फलस्वरूप हार्मोनल संतुलन में सुधार आता है और फर्टिलिटी बढ़ती है. इस तरह से गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाया जाता है. आइये जानते हैं चेस्टबेरी के बारे में विस्तार से.
चेस्टबेरी गर्म क्लाइमेट में मिलने वाला एक ट्रोपिकल पौधा है जिसका बोटेनिकल नाम वाईटेक्स एग्नस-कास्टस (vitex agnus castus) है. इसके कई और नाम भी हैं जैसे कि वाइटेक्स (vitex), चेस्ट ट्री (chaste tree / chastetree), चेस्टबेरी (chasteberry) और लिलाक चेस्ट ट्री (lilac chastetree). इस गुणकारी पौधे के फल, बीज और पत्तियों को आयुर्वेदिक दवाओं में एक जड़ी-बूटी की तरह प्रयोग किया जाता है. आगे आपको बताएँगे चेस्टबेरी के कुछ विशेष (Chasteberry benefits) फ़ायदों के बारे में.
चेस्टबेरी हार्मोनल असंतुलन, पीरियड इरेग्युलैरिटी, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) और यहाँ तक कि स्ट्रेस के इलाज में भी उपयोग में ली जाती है. आइये इनके बारे में एक-एक करके जानते हैं.
चेस्टबेरी (Chasteberry) हार्मोन्स के संतुलन के लिए ख़ास तौर पर फ़ायदेमंद है. इससे महिलाओं में प्रोलैक्टिन हार्मोन के लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है जिससे हार्मोनल असंतुलन ठीक होता है. शरीर में हार्मोनल संतुलन सुधरने के साथ ही पीरियड इरेग्युलैरिटी, पीसीओएस (PCOS) और इससे जुड़ी अन्य समस्याएँ भी धीरे-धीरे कम होने लगती हैं.
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चेस्टबेरी (Chasteberry) के सेवन से प्रोलैक्टिन (prolactin) हार्मोन संतुलित रहता है. इसके परिणामस्वरूप प्रीमेनस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) से जुड़ी परेशानियाँ जैसे कि मूड स्विंग्स, स्ट्रेस, इरेटेबिलिटी, ब्रेस्ट टेंडर्नेस और मासिक धर्म की अनियमितता को कम करने में मदद मिलती है.
चेस्टबेरी (Chasteberry) से फर्टिलिटी (fertility) बढ़ाने में भी मदद मिलती है. इसके प्रयोग से ओवरी के फंक्शन में सुधार आता है और हार्मोनल संतुलन सुधरता है. इसके अलावा इसका प्रयोग ओव्यूलेशन (ovulation) बढ़ाने और फर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं को ठीक करने के लिए भी किया जाता है. रिप्रोडक्टिव सिस्टम को मजबूती मिलने से फर्टिलिटी बढ्ने लगती है और गर्भधारण में मदद मिलती है.
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जी हाँ, चेस्टबेरी मेंस्ट्रूअल साइकिल को रेगुलेट करने में भी बेहद मददगार है. हार्मोन्स को बैलेंस करने की अपनी अद्भुत क्षमता के कारण इसके सेवन से महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम में तुरंत सुधार आने लगता है. हार्मोन्स के ठीक होने से यूट्रस को मजबूती मिलती है और मासिक धर्म से जुड़ी हुई समस्याएँ ठीक होने लगती हैं; जैसे कि पीरियड क्रैंप्स, इरेगुलर पीरियड्स और बहुत ज़्यादा ब्लीडिंग की समस्या.
मेनोपॉज के लक्षणों से जूझ रही महिलाओं के लिए भी चेस्टबेरी का सेवन एक बढ़िया विकल्प है. इससे मेनोपॉज के दौरान होने वाली दिक्कतों; जैसे- हॉट फ्लैशेस, मूड स्विंग्स और वेजाइनल ड्राइनेस से राहत मिलती है. महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस को ठीक करने के अपने अद्भुत गुणों के कारण चेस्टबेरी के प्रयोग से मेंस्ट्रुएशन से लेकर मेनोपॉज तक के सफर को काफी आसान बनाया जा सकता है.
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तो अब तक हमने जाना चेस्टबेरी के कई सारे (Chasteberry benefits) फ़ायदों के बारे में. आइये अब जानते हैं इसे कैसे इस्तेमाल करना चाहिए.
चेस्टबेरी को आप कई तरह से प्रयोग कर सकते हैं जैसे कि कैप्सूल्स, टिंचर या सुखाए हुए फल के रूप में. हालाँकि इसका सेवन शुरू करने से पहले इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें.
चेस्टबेरी एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जिसका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होता लेकिन लोगों के शरीर की प्रकृति अलग-अलग होने के कारण कभी कभी कुछ मामूली लक्षण दिखाई दे सकते हैं. जैसे कि:
कुछ लोगों को चेस्टबेरी से एलर्जी हो सकती है. इसके सेवन के बाद अगर आपको त्वचा पर लाल धब्बे, खुजली, रैशेज आदि दिखें तो इसका सेवन तुरंत बंद कर दें.
कई लोगों में चेस्टबेरी के सेवन के बाद पेट से जुड़ी समस्याएँ; जैसे- गैस, पेट में दर्द, पेट फूलना, जी मिचलाना और इनडाइजेशन की समस्या भी देखने को मिलती है.
अगर आप को पहले से ही हार्मोन संबंधी समस्या नहीं है तो ऐसे में चेस्टबेरी का सेवन आपके हार्मोन्स के लेवल को प्रभावित कर सकता है. इससे कुछ लोगों में हार्मोनल परिवर्तन; जैसे- मेंस्ट्रूअल इरेगुलेरिटी, मासिक धर्म का कम या ज़्यादा आना और ब्रेस्ट सेंसटिविटी जैसी समस्याएँ भी हो सकती हैं.
चेस्टबेरी एक गुणकारी जड़ी बूटी है जो हार्मोन असंतुलन और फर्टिलिटी के मामलों में एक असरदार दवा का काम करती है. अगर आप भी इन समस्याओं से जूझ रहे हैं तो इसे ज़रूर आज़माएँ. क्योंकि दवा की खुराक मरीज़ की स्थिति के अनुरूप दी जाती है इसलिए इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही शुरू करें.
1. Roemheld-Hamm B. (2005). Chasteberry.
2. van Die MD, Burger HG, Teede HJ, Bone KM. (2013). Vitex agnus-castus extracts for female reproductive disorders: a systematic review of clinical trials.
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Written by
Ravish Goyal
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