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    Irregular Periods Treatment in Hindi | अनियमित पीरियड्स से परेशान? ये उपाय कर सकते हैं आपकी मदद

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    Irregular Periods Treatment in Hindi | अनियमित पीरियड्स से परेशान? ये उपाय कर सकते हैं आपकी मदद

    6 September 2023 को अपडेट किया गया

    आजकल अनियमित पीरियड्स एक बड़ी समस्या है जो खराब लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, खानपान की ग़लत आदतों और अव्यवस्थित नींद के कारण हो सकता है. इसके अलावा एनवायरमेंटल फैक्टर्स जैसे कि पोलूशन से भी हार्मोनल संतुलन बिगड़ता है और मासिक धर्म में अनियमितता आने लगती है. आइये जानते हैं एक नॉर्मल पीरियड् साइकिल कैसा होना चाहिए और किन कारणों से पीरियड्स इरेगुलर(Periods irregular kyo hote hai) हो जाते हैं.

    नॉर्मल पीरियड्स कैसे होते हैं? (What is a normal menstrual period in Hindi)

    नॉर्मल पीरियड्स महीने में एक बार 5 से 7 दिन के लिए होते हैं जिसमें पहले दो दिन अधिक ब्लीडिंग होती है और उसके बाद इसकी मात्रा कम होती जाती है. स्वस्थ अवस्था में इसका रंग चटक लाल होना चाहिए और इस दौरान बहुत ज़्यादा तकलीफ नहीं होना चाहिए.

    मासिक धर्म अनियमित होने के कारण (What causes irregular periods in Hindi)

    आइये अब जानते हैं कि मासिक धर्म अनियमित (Periods irregular kyo hote hai) क्यों हो जाता है.

    1. हार्मोनल असंतुलन (Hormonal imbalances)

    मासिक धर्म को नियंत्रित और संतुलित रखने वाले हार्मोन्स में गड़बड़ी से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं. इसमें ओवेरीज़ और यूट्रस के फंग्शन को प्रभावित वाले हार्मोन्स का असंतुलन मुख्य हैं.

    2. अनहेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल (Unhealthy diet and lifestyle)

    ग़लत खानपान जैसे कि जंक फूड, तला और मसालेदार भोजन, मीठी चीजों का अधिक प्रयोग और इसके साथ लाइफस्टाइल की कमियाँ; जैसे- अव्यवस्थित जीवनशैली, अधिक स्ट्रेस, व्यायाम और पर्याप्त नींद की कमी भी अनियमित मासिक धर्म का एक बड़ा कारण है.

    3. ज़रूरत से ज़्यादा एक्सरसाइज (Excessive exercise)

    ज़रूरत से ज़्यादा व्यायाम करने से भी मासिक धर्म अनियमित हो सकता है. खास तौर पर हेवी एक्सरसाइज, एथलेटिक ट्रेनिंग और तेज़ दौड़ना इत्यादि.

    4. थायराइड (Thyroid issue)

    थायराइड इंबैलेंस का अनियमित मासिक धर्म से गहरा संबंध है जिसमें थायराइड हार्मोन की अधिकता (hyperthyroidism) या कमी (hypothyroidism) की स्थिति बन जाती है. इससे वज़न बढ़ने या घटने के साथ ही मासिक धर्म भी अनियमित हो जाता है.

    5. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome)

    पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) में ओवेरीज़ में सिस्ट बनने के साथ ही हार्मोनल असंतुलन भी होने लगता है जिससे सामान्य मेंस्ट्रुअल साइकिल डिस्टर्ब हो जाता है.

    6. गर्भाशय फाइब्रॉएड (Uterine fibroids)

    यूट्रस में होने वाले फाइब्रॉइड्स (Fibroids) जो कि गर्भाशय की दीवार में गांठों की तरह उभर आते हैं उनसे मेंस्ट्रुएशन में बेहद दर्द और असामान्य ब्लीडिंग होने लगती है. फाइब्रॉइड्स से मासिक धर्म की नियमितता पर भी असर पड़ता है.

    पीरियड्स को नेचुरल तरीक़े से कैसे नियमित बनाएँ (How to get regular periods naturally in Hindi)

    अब तक हमने जाना अनियमित पीरियड्स के कुछ खास कारणों के बारे में. अब बात करेंगे कि पीरियड्स को नेचुरल तरीक़े से नियमित कैसे बनाया जाए. इसके लिए आपको दो स्तर पर काम करना होगा- लाइफ स्टाइल और मेडिकल ट्रीटमेंट.

    • सबसे पहले अपनी डाइट में बदलाव करें क्योंकि फल, सब्ज़ियों, होलग्रेन्स और प्रोटीन से भरपूर हेल्दी और बैलेंस डाइट आपके मासिक धर्म को नियमित रखने में बेहद मददगार है.

    • नियमित व्यायाम या सैर आपके हार्मोनल बैलेंस को सुधारने में मदद करती है. इसमें आप योग, प्राणायाम, और हल्के फुल्के व्यायाम को शामिल करें.

    • अधिक तनाव मासिक धर्म को गड़बड़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है. ध्यान, मेडिटेशन और योग से मन को शांत रखें.

    • पर्याप्त मात्रा में नींद लें क्योंकि इससे भी मासिक धर्म को नियमित रखने में मदद मिलती है साथ ही देर रात तक जागने से बचें.

    अनियमित मासिक धर्म के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक मेडिसिन (Best ayurvedic medicine for irregular periods in Hindi)

    लाइफस्टाइल और डाइट में जरूरी बदलाव के साथ ही आप आयुर्वेदिक औषधियों से भी इरेगुलर पीरियड्स को ठीक कर सकते हैं. ऐसी ही कुछ खास औषधियां हैं,

    अशोकारिष्ट (Ashokarishta)

    अशोक के पेड़ की छाल से बना अशोकारिष्ट (Ashokarishta) एक नेचुरल आयुर्वेदिक औषधि है जिसमें यूट्रस की समस्याओं और अनियमित मासिक धर्म को ठीक करने के बेहतरीन गुण होते हैं.

    शतावरी (Shatavari)

    शतावरी भी एक ऐसी ही जड़ी बूटी है जो खून की कमी, मासिक धर्म के नियमित करने, गर्भाशय को मजबूत बनाने और हॉर्मोनल बैलेंस के लिए प्रयोग की जाती है.

    लोधरा (Lodhra)

    लोधरा ने केवल यूट्रस को स्ट्रांग बनाकर अनियमित मासिक को ठीक करने में लाभकारी है; बल्कि इससे हॉर्मोनल इंबैलेंस भी ठीक होता है.

    अश्वगंधा (Ashwagandha)

    अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक औषधि है जो शरीर को शक्ति देता है साथ ही हार्मोनल बैलेंस भी बनाता है. इसके प्रयोग से मासिक धर्म नियमित और हॉर्मोनल असंतुलन ठीक होता है.

    होम्योपैथिक तरीक़े भी करते हैं पीरियड्स को नियमित (Best homeopathic medicine for irregular periods in Hindi)

    आयुर्वेद के अलावा कुछ ख़ास होम्योपैथिक दवाओं से भी पीरियड्स की अनियमितता को ठीक किया जा सकता है. इसमें से मुख्य हैं:

    पल्सेटिला (Pulsatilla)

    पल्सेटिला (Pulsatilla) एक प्राकृतिक औषधि है और अपने मेडिसिनल गुणों के कारण एक होमियोपैथिक दवा की तरह प्रयोग की जाती है. इससे मेंस्ट्रुएशन की समस्याओं जैसे अनियमितता, खून की कमी और दर्द में राहत मिलती है.

    सीपिया (Sepia)

    दूसरी प्रमुख होमियोपैथिक औषधि है सीपिया (Sepia) जो गर्भाशय और हॉर्मोनल संतुलन को सुधारने और खून बढ़ाने में अद्भुद लाभ करती है.

    नैट्रम म्यूरिएटिकम (Natrum Muriaticum)

    नैट्रम म्यूरिएटिकम (Natrum Muriaticum) एक और ऐसी होमियोपैथिक दवा है जो अनियमित मासिक धर्म में बेहद लाभदायक है. इससे गर्भाशय मजबूत और हॉर्मोनल संतुलन बढ़ता है.

    कैलकेरिया कार्ब (Calcarea Carb)

    कैलकेरिया कार्ब (Calcarea Carb) भी एक ऐसी होमियोपैथिक दवा है जो मासिक धर्म को नियमित करने, दर्द को कम करने, और शारीरिक थकान घटाने में प्रभावी है.

    एलेट्रिस फरिनोसा (Aletris Farinosa)

    एलेट्रिस फरिनोसा (Aletris Farinosa) गर्भाशय को स्वस्थ रखने और ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने में मदद करती है. इससे शारीरिक कमज़ोरी भी दूर होती है.

    हेल्दी पीरियड्स के लिए क्या करें? (What to do for healthy periods in Hindi)

    इन लाभदायक औषधियों के बारे में जानने के बाद आइये अब आपको बताते हैं कि हेल्दी पीरियड्स के लिए किन बातों का ध्यान रखें.

    1. हेल्दी डाइट फॉलो करें (Eating a balanced diet)

    नियमित रूप से हेल्दी डाइट लें जिससे मासिक धर्म का संतुलन सुधरता है, हार्मोनल इंबैलेंस कम होता है और एनर्जी बनी रहती है.

    2. नियमित एक्सरसाइज करें (Exercising regularly)

    रोज़ाना एक्सरसाइज योगा या वॉकिंग ज़रूर करें क्योंकि इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और शरीर फिट रहता है.

    3. स्ट्रेस से दूर रहें (Managing stress)

    हेल्दी पीरियड्स के लिए स्ट्रेस से दूर रहना ज़रूरी है क्योंकि यह हार्मोन्स के संतुलन को खराब करता है इसलिए ध्यान और मनोरंजन के लिए समय ज़रूर निकालें.

    4. पर्याप्त नींद लें (Getting enough sleep)

    हेल्दी पीरियड्स के लिए पर्याप्त नींद लें ताकि हॉर्मोनल असंतुलन और मानसिक तनाव न हो.

    डॉक्टर से कब परामर्श करें? (When to see a doctor for irregular periods in Hindi)

    आपको तुरंत ही एक अच्छे डॉक्टर से मिलना चाहिए अगर,

    • आपका मेंस्ट्रूअल साइकिल 35 दिन से अधिक या 21 दिन से कम हो.

    • अत्यधिक ब्लीडिंग और ब्लड क्लौट्स आने लगें.

    • प्रेग्नेंसी न हो पा रही हो.

    • मेंस्ट्रूअल साइकिल के दौरान बेहद तकलीफ और दर्द होता हो.

    प्रो टिप (Pro Tip)

    अनियमित पीरियड्स होने पर सबसे पहले लाइफस्टाइल और आहार से जुड़े बदलाव के साथ आयुर्वेदिक या होम्योपैथिक दवाओं की मदद लें. लेकिन 2 से 3 महीने के बाद भी अगर आराम ना मिले तो फिर आपको तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए.

    रेफरेंस

    1. Jaiswal YS, Williams LL. (2016). A glimpse of Ayurveda - The forgotten history and principles of Indian traditional medicine.

    2. Reed BG, Carr BR. (2000). The Normal Menstrual Cycle and the Control of Ovulation.

    3. Bae J, Park S, Kwon JW. (2018). Factors associated with menstrual cycle irregularity and menopause.

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    Written by

    Kavita Uprety

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